स्वदेशी निती से ही होगी देश कि तरक्की !












हमारा भारत देश एक सुंदर और संपन्न देश है !
हमारा देश दुनिया का एक ऐसा अनोखा देश है, जहाँ सब कुछ़  मिलता है / या उगता है !

दुनिया के सभी वातावरण (क्लायमॅक्स झोन) यहाँ उपलब्ध है लेकिन हमारे देश का दुर्भाग्य यह है हमे उसकी पर्वा नही है हम अमरिका आदि के पिछ़े भागने वाले पागल है  जिस युरोप खंड में सोयाबिन,गेहूँ और मका के बिना कुछ़ खेती में आता नही वो सभी देश सभी जीवन उपयोगी चीजें भारत से मगाँते है !

इतने वो देश कुदरत के आगे लाचार और गरिब है, लेकीन हम इस बात में सबसे अमिर होते हुये दुनिया में सबसे गरिब है ऐसा क्यूँ  ?
इस बारें में हमने कभी सोचा है ? कभी नही ?
इसका एक हि कारण है हम अपनी स्वदेशी निती को भुलकर विदेशों के पिछ़े भाग रहे है !
आप इतिहास खोलकर देखें अग्रेंज आने से पहले हम दुनिया के सबसे अमिर थे लेकीन ब्रिटिश की एक इस्ट इंडिया कंपनी ने हमे 150 साल तक लुँट कर गरिब बना दिया और आज हमारे आजाद भारत देश में 4000 से भी ज्यादा विदेशी कंपनिया है जो हर पल हमे लुँटकर हमारे देश का पैसा अपने देश में लेकर जा रही है, और हम भी पागलो कि तरह उनकी क्वॉलिटी अच्छ़ी होती है, ऐसा कहकर विदेशी सामान खरिद ते है ! लेकीन वास्तविकता यह है,की सबसे घटियाँ क्वाँलिटी वाला सामान ही ये विदेशी कंपनीया भारत में बेंचते है, जो सामान उनके देश खराब क्वाँलिटी या फिर भयानक साइड इफेक्ट के कारण वहाँ बेंचना कानुनन जुर्म है ! ऐसा खराब और रद्दी क्वाँलिटी का सामान वो भारत में लाकर धडा़धड बेंच रहे हैं ! इसके बारें में आपको मैं आगे सप्रमाण बताउँगा !
इस तरह हम उनका घटिया सामान खरिद रहे है और अपने देश को कंगाल बना रहे है !
और हम कब आमिर बनेंगे ऐसा सोचते है ! याने घर में चोर बुलाकर हम अपना ही घर लुँटवा रहे है और  फिर हम अमिर क्यूं नही बन पा रहे है ऐसा सोच रहे है, तो ऐसी मुर्खता ना करे !
अपने देश को आगे बढाने के लिए उसे फिर विश्व में सबसे आमिर और शक्तीसंपन्न बनाने के संकल्प करे "हम आज से ही सभी स्वदेशी सामान खरिदेंगे और अपने देश के बेरोजगारो को रोजगार देंगे और देश को संपन्न बनायेंगे !"

जय हिंद !                               वंदे मातरम् !