आध्यात्म……… एक दिव्यामृत !





          आजच्या यंत्रयुगात आपण सुध्दा एक यंत्र बनलो आहोत. यंत्राप्रमाणे घाई-घाईत आणि घड्याळ्याच्या काट्याप्रमाणे आपले जीवन झाले आहे. शारीरीक श्रम कमी झाले, जीवन आरामात जगणे सोपे सुकर झाले, सर्व सोई-सुविधा उपलब्ध झाल्या.

प्रगल्भ युवा निर्मिती आध्यात्मानेच शक्य !



       एकेकाळी विद्वान व्यक्तीमत्वासाठी जगात प्रसिध्द असणारा आणि देश-विदेशातील लोकांची ज्ञानाची भूक क्षमविणारा आपला भारत देश आज स्वत: अज्ञानात आणि अंधारात खिचपत पडलेला आहे. तक्षशिला, नालंदा, काशी, पैठण अशी विश्व प्रसिध्द ज्ञानाची विद्यापीठे असणारा आपला भारत देश आज ईतराकडे ज्ञानाची भिक मागतो आहे,

युवकांनो आध्यात्मात समरस व्हा !



      
    आजच्या या विज्ञान तंत्रज्ञानाच्या युगात युवकांनो आध्यात्मात समरस व्हा ! असे म्हटल्याने बहुतांशी युवक गोंधळून गेले असतील, यात शंका नाही.

नृंसिह सरस्वती स्वामींनी संसाराबद्दल दिलेला महत्वपुर्ण संदेश


नृंसिह सरस्वती स्वामींनी संसाराबद्दल दिलेला महत्वपुर्ण संदेश


संसार हा वाटतो तितका टाकाऊ नाही, उलट क्रमविकासाच्या दृष्टिने तो आवश्यक असून षड्विकारावर मात करण्याच्य दृष्टिने संसार म्हणजे प्रयोगशाळाच आहे. या प्रयोगशाळेत राहून एकेक विकार जिंकित जिंकित तो ज्या वेळी षडविकारावर विजय मिळतो,

रामायणाचे महत्व



रामायणाचे महत्व

रामायण हा केवळ इतिहास नाही, तर जीवन जगण्याच्या दृष्टिने प्रत्येक प्रश्नाचे उपयुक्त उत्तर त्यात आहे. सध्या माणसांची वृत्ती ही राक्षसाच्याही पलिकडचे झालेली आहे. राक्षसामध्ये तरी थोडी फार माणुसकी, दया, भिती होती. ते कधीही निशस्त्रावर वार करत नसत. झोपेत किंवा विश्वास घाताने किंवा पाठीवर वार करत नसत. परंतु आज माणूस या तत्वाप्रमाणे सुध्दा वागत नाही.

आध्यात्माची आवश्यकता



                                                            आध्यात्माची आवश्यकता

            परमेश्वरावर श्रध्दा ठेवून, स्वत:च्या मनावर ताबा ठेवून, क्षणिक शारीरीक सुखाचा त्याग करून कामवासनेचा नाश आणि आध्यात्मिक सेवेचा प्रकाश नित्य मनात असावा. कधीही यशाला भारावून जाता अथवा अपयशाला डळमळता, यशाच्या सर्वोच्च ठिकाणी विराजमान होऊन पुन्हा कधीही अपयश येण्यासाठी उठता-बसता, जागता-झोपता,

भगवत् नामातून - मुक्तीकडे



भगवत् नामातून - मुक्तीकडे


नाम संकीर्तन साधन पै सोपे । जळतील पापे जन्मांतरीची ।
लगे सायास जावे वनातंरा । सुखी येती घरा नारायणा ॥धृ॥
ठाईच बैसोनी करा एक चित्त । आवडी अनंत आळवावा ॥१॥
रामकृष्ण हरी विठ्ठल केशवा । मंत्र हा जपावा सर्व काळ ॥२॥
तुका म्हणे सोपे आहे सर्वाहूनी । शहाणा तो धनी येतो तेथे ॥३॥

स्वदेशी ज्ञानपीठ

 स्वदेशी ज्ञानपीठ 
आपको देगा प्राचीन भारतीय वैदिक ज्ञान, आयुर्वेदिक, योग-प्राणायाम, भारतीय संस्कृती ज्ञान.
 स्वदेशी, प्राचीन भारतीय ज्ञान भंडार के सैकड़ों द्वारा मिल जाएगा। सर्वश्रेष्ठ भारतीय संस्कृति, आयुर्वेदिक ज्ञान, योग, प्राणायाम, वैदिक ज्ञान, आदि 

भारत माता को शक्तीशाली बनाना और विदेशी चंगूल से मुक्त कराना तथा विश्वभर भारत का झंडा लहराना वो भी आध्यात्मिकता के आधार पर !

स्वदेशी ज्ञानपीठ लोगो

मृत्युंजय सावरकर जी का जीवन चरित्र


महामना लोकोत्तरदृष्टा विनायक दामोदर सावरकर जी का जीवन चरित्र


महान वीर सावरकर के बारे में –
वीर सावरकर के प्रथम कीर्तिमान :
1. वीर सावरकर पहले क्रांतिकारी देशभक्त थे
जिन्होंने 1901 में ब्रिटेन की रानी
विक्टोरिया की मृत्यु पर नासिक में शोक सभा
का विरोध किया और कहा कि वो हमारे शत्रु
देश की रानी थी, हम शोक क्यूँ करें? क्या
किसी भारतीय महापुरुष के निधन पर ब्रिटेन में
शोक सभा हुई है?

कैसें बनायें देश को महासत्ता !

Rajiv Bhai Vichardhara

वंदे मातरम् मित्रो....
राजीव भाईने अपने जीवन में सिर्फ स्वदेश और स्वदेशी का जिक्र किया, चूंकि वो जानते थे , की अगर भारत फिर से खडा़ हो सकता है तो सिर्फ अपने बलबुते पर !

स्वाभिमानी भारतियों का संगठन समारोह


swadeshi samaroh




वंदे मातरम मित्रो------------
स्वदेशी आंदोलन के महानायक श्री राजीव भाई दीक्षित जी का अधुरा सपना साकार करने के लिए 19-20 फरवरी को
 होगा संगठन निर्माण सम्मेलन
28-29-30 नवंबर को सेवाग्राम, वर्धा में राजीव भाई की पांचवी पुण्यतिथि पर आयोजित स्वदेशी चिन्तन समारोह सम्पन्न हुआ।

एक अनोखा देशभक्त

rajiv bhai vichardhara

अपना पुरा जीवन देश को समर्पित करनेवाले और जिंदगीभर इस कर्तव्य को 
निभाने वाले स्वदेशी के महान प्रर्वतक श्री राजीव भाई दीक्षित जी को शत शत नमन : !

श्री राजीव भाई दीक्षितजी का जीवन परीचय











मित्रो राजीव दीक्षित जी के परिचय मे जितनी बातें कही जाए वो कम है ! कुछ चंद शब्दो मे उनके परिचय को बयान कर पाना असंभव है ! ये बात वो लोग बहुत अच्छे से समझ सकते है जिन्होने राजीव दीक्षित जी को गहराई से सुना और समझा है !! फिर भी हमने कुछ प्रयास कर उनके परिचय को कुछ शब्दो का रूप देने का प्रयत्न किया है ! परिचय शुरू करने से पहले हम आपको ये बात स्पष्ट करना चाहते हैं कि जितना परिचय राजीव भाई का हम आपको बताने का प्रयत्न करेंगे वो उनके जीवन मे किये गये कार्यों का मात्र 1% से भी कम ही होगा ! उनको पूर्ण रूप से जानना है तो आपको उनके व्याख्यानों को सुनना पडेगा !!

फ्रि में अपनी खुद कि वेबसाइट - ब्लॉग कैसे बनायें


दोस्तों पिछली पोस्ट में मैंने आपको ब्लॉग के बारे जानकारी दि थी |
आज मैं आपको उसी ब्लॉग पर अपनी खुद की वेब साइट यानी कि ब्लॉग बनाना सिखाता  हॅु |
वैसे तो फ्रि में वेबसाइट बनाने के लिए बहूत सी साइट हमे इंटरनेटपर मिल जाती है, लेकिन Blogger और Wordpress ये दोनो साइट सबसे ज्यादा इस्तेमाल किये जानी वाली साइट है | आप इन दोनो में से किसी भी एक साइटपर जाकर अपनी  वेबसाइट यानी कि ब्लॉग बना सकते है |